24 जून 2018 को है निर्जला एकादशी,जानिए व्रत की कथा एवम इतिहास
हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। वर्ष के प्रत्येक महीने में 2 एकादशी पड़ता है। इस वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में अचला एकादशी एवम शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। devotional nirjala ekadashi story
तदनुसार इस वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी सोमवार 24 जून 2018 को मनाई जाएगी। इस व्रत में पानी पीना भी वर्जित है, इसलिए इस एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है। devotional nirjala ekadashi story
निर्जला एकादशी की कथाdevotional nirjala ekadashi story
एक बार महर्षि व्यास पांडवो के घर पर पधारे, भीम ने उनका आदर-सत्कार किया। किन्तु भीम के उदास भाव को देखकर महर्षि व्यास जी ने पूछा, क्या बात है ? क्यों चिंतित नजर आ रहे है ? तत्पश्चात भीम ने व्यास जी से कहा, हे महर्षि। भैया युधिष्ठिर, अर्जुन, माता कुंती तथा द्रौपदी के साथ-साथ नकुल, सहदेव सभी एकादशी का व्रत करते है।
कामिका एकादशी की कथा एवम इतिहास
किन्तु मैं बिना भोजन ग्रहण किए रह नही सकता हूँ, इसलिए चिंतित हूँ। हे मह्रिषी, ऐसा कोई व्रत का विधान बताएं जिसके करने से मुझे असुविधा भी ना हो तथा समस्त फल मुझे प्राप्त हो जाए। महर्षि व्यास जी जानते थे कि भीम भूखा नही रह सकता है। अतः व्यास जी ने भीम से कहा ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी व्रत रखा करो।
इस व्रत के करने से तुम्हे वर्ष के प्रत्येक एकादशी पुण्य का लाभ मिलेगा। व्यास जी के कथानुसार भीम ने साहस कर निर्जला एकादशी का व्रत किया। किन्तु द्वादशी के दिन प्रातः काल में ही भीम मूर्छित हो गए। तत्पश्चात माता कुंती ने भीम को तुलसी चरणामृत देकर भीम की मूर्छा को दूर किया। इसलिए इस व्रत को भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है। devotional nirjala ekadashi story
निर्जला एकादशी पूजा विधि तथा महत्व devotional nirjala ekadashi story
यह व्रत नर-नारीयो दोनों के लिए है। इस व्रत में जल का पान करना भी निषेध है। व्रत के दिन निर्जला उपवास करे। किन्तु रात्रि काल में दूध का फलाहार कर सकते है। इस दिन प्रातः काल उठे, स्नान आदि से निवृत होकर हाथ में पुष्प एवम अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। अतः भगवान विष्णु जी की पूजा विधि-विधान पूर्वक करना चाहिए। भगवान विष्णु की कृपा से व्रती के समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है। इस प्रकार निर्जला एकादशी की कथा सम्पन्न हुई। प्रेम से बोलिए भगवान विष्णु जी की जय। devotional nirjala ekadashi story
( प्रवीण कुमार )