24 फरवरी 2019 को है यशोदा जयंती,जानिए व्रत की कथा एवं इतिहास
धार्मिक मान्यताओ के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की पंचमी को यशोदा जयंती मनाई जाती है। तदनुसार, 24 फरवरी 2019 को यशोदा जयंती मनाई जाएगी। मैया यशोदा का नाम सुनते ही सबके मन में वात्शाल्य माता की छवि प्रकाशित हो जाती है। devotional yashoda jayanti history
माता यशोदा का अर्थ है, जो दुसरो को यश दे, अपने में आनंदित रहे तथा दुसरो की प्रशंसा में अपना हर्ष करे। उन्हें ही यशोदा कहा जाता है। यह सब गुण माता यशोदा में व्याप्त था जिस फलस्वरूप भगवान श्री कृष्ण जी ने उन्हें अपनी माता के रूप में चुना। माता यशोदा को भगवान श्री कृष्ण जी ने पुत्र बन, उन्हें वात्सल्य सुख तथा सौभागय प्रदान किया। devotional yashoda jayanti history
यशोदा माता की कथा devotional yashoda jayanti history
द्वापर युग में एक बार यशोदा जी ने पूर्व जन्म में धरा रूप में भगवान विष्णु की कठिन तपस्या की। जिसके फलस्वरूप भगवान विष्णु जी ने उन्हें दर्शन देकर वर मांगने को कहा। माता यशोदा प्रभु का अभिवादन करते हुए बोली, प्रभु मुझे आप पुत्र रूप में प्राप्त हो। devotional yashoda jayanti history
भगवान विष्णु जी ने कहा, माता यशोदा आपकी इच्छा अवश्य पूरी होगी। भविष्य में मैं जब वासुदेव जी के यहाँ जन्म लूंगा। तब आपके तथा नंदबाबा के द्वारा मेरा पालन-पोषण होगा। कृष्ण पुराण में इस संदर्भ का विस्तृत वर्णन किया गया है। महराज कंस को ज्ञात था की उसकी हत्या देवकी तथा वासुदेव के पुत्र के हाथो होना है।
इसलिए कंस ने देवकी तथा वासुदेव को कारागार में डाल दिया था तथा उनके प्रत्येक संतान की हत्या कर दी । तदुपरांत, वासुदेव जी ने कृष्ण जी के जन्म पर उन्हें नंदबाबा तथा माता यशोदा के यहाँ छोड़ आया था। इस प्रकार भगवान श्री हरि विष्णु यशोदा माता को दिए वचनो को पूरा किया। devotional yashoda jayanti history
कृष्ण-लीला तथा माता यशोदा devotional yashoda jayanti history
जब कंस को पता चला की देवकी अपने पुत्र को नन्द बाबा के घर दे आये है तो उसने पूतना को कृष्ण को मारने के लिए भेजा। उस समय भगवान श्री कृष्ण ने पूतना के स्तन-पान कर उसके प्राण-पखेड़ु को हर लिया। devotional yashoda jayanti history
मैय्या यशोदा तथा नटखट कृष्ण के मध्य वातसल्य धीरे-धीरे बढ़ने लगा। नटखट कृष्ण जी ने अपने बाल्यकाल में कंस द्वारा भेजे गए अनेको दैत्य का संहार किया। कृष्ण लीला अनुपम है। कृष्ण जी ने माता यसोदा को अपने नटखट से खूब सताया। devotional yashoda jayanti history
नर्मदा जयंती की कथा एवं इतिहास
एक बार जब कृष्ण जी ने मिटटी खा ली थी तब माता यशोदा ने उन्हें मुख खोलने को कहा। जब भगवान श्री कृष्ण ने अपना मुख खोला तो माता यशोदा देख कर हैरान हो गयी। समस्त ब्रह्माण्ड भगवान कृष्ण के मुख में व्याप्त था। उस दिन माता यशोदा को एहसास हुआ की कृष्ण अर्थात कान्हा भगवान विष्णु जी के अवतार है। devotional yashoda jayanti history
फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की पंचमी को यशोदा जयंती मनाई जाती है। माता यशोदा माँ के रूप में देवी का रूप है। माता यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा की पूजा-आराधना करने से माता प्रसन्न होती है तथा उपासको के जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त होता है। इस तरह माता यशोदा जयंती की कथा सम्पन्न हुई। प्रेम से बोलिए भगवान श्री हरि विष्णु जी के माता यसोदा तथा नन्द बाबा की जय। devotional yashoda jayanti history
( प्रवीण कुमार )