28 सितम्बर 2018 को है संकष्टी चतुर्दशी जानिए व्रत की कथा एवं इतिहास
धार्मिक धारणा है की हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश की पूजा से प्रत्येक शुभ कार्य आरम्भ किया जाता है। भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। सनातन धर्म में 24 दिन ऐसे होते है जो पूर्णतः भगवान गणेश की आराधना के लिए समर्पित है। know sankashti chaturdashi history
अतः वर्ष की हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। तदनुसार भाद्रपद माह में 28 सितम्बर 2018 को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। know sankashti chaturdashi history
संकष्टी चतुर्दशी की कथा know sankashti chaturdashi history
शिव रहस्य पुराण के अनुसार भगवन गणेश जी, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव जी एवं माता पार्वती के पुत्र रूप में प्रकट हुए थे। शिव पुराण में कहा गया है, देवी गिरिजा ने भगवान को पुत्र रूप में प्राप्त करने के लिए 12 वर्षो तक कठिन तपस्या, व्रत एवं साधना किया। know sankashti chaturdashi history
विनायक चतुर्दशी की कथा एवम इतिहास
जिसके फलस्वरूप शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन मध्यान में स्वर्ण कांति से युक्त भगवान गणेश जी प्रकट हुए थे। अतः ब्रह्मा जी ने चतुर्दशी व्रत को अतिश्रेष्ठ व्रत बताया है।
संकष्टी चतुर्दशी पूजन विधि know sankashti chaturdashi history
वर्ष के प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को संकष्ट चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन संध्याकाल में स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेश जी की पुष्प, अक्षत, शुद्ध जल, पंचामृत, धुव से पूजा आराधना करना चाहिए।
आरती तथा पुष्पांजलि अर्पित कर प्रदक्षिणा करना चाहिए। पूजा समाप्ति के समय भगवान विघ्नहर्ता से सुख और मंगल की कामना करे। भगवान गणेश भक्तो की सारी मनोकामना पूर्ण करते है। know sankashti chaturdashi history
इस दिन संध्याकाल में चन्द्र दर्शन करने के पश्चात भोजन ग्रहण करे। इस तरह संकष्टी चतुर्दशी की कथा सम्पन्न हुयी। भक्त गण प्रेम से बोलिए गणपति बप्पा मोरया। know sankashti chaturdashi history
( प्रवीण कुमार )